सिद्ध नारी पीरियड कल्पचुर्ण
बेढंग जीवनशैली की वजह से मासिक चक्र में अनियमितता होना बहुत आम समस्या बनती जा रही है. अनियमित मासिक धर्म के कई कारण हो सकते हैं- हार्मोनल असंतुलन (hormonal disorder), खानपान में मिलावट, जीवनशैली में परिवर्तन तथा दवाइयों का प्रभाव इनमें मुख्य है. अनियमित मासिक धर्म के शिकार को ओलिगोमेनोरिया (oligomenorrhea) कहा जाता है। सिद्ध अयुर्वेदिक अनियमित मासिक धर्म की दवा
सिद्ध नारी पीरियड कल्पचुर्ण से इस रोग 100%ठीक कर देती है।
जिन लड़कियों को 18साल तक भी पीरियड नही शुरू हुए वो 3 month तक उपयोग करे। गर्भाशय ट्यूब का बंद होना,पीरियड को जल्दी लाने, बंद होने पर, कष्ट पूर्ण होने पर, शरीर कष्ट होने पर और अनिमियत पीरियड में कारगर और 100% लाभदायक।*
सिद्ध नारी पीरियड कल्पचुर्ण
*पर 100 ग्राम नुस्खा)
गिलोय चूर्ण 5ग्राम
आंवला चूर्ण 5 ग्राम
छोटी हरड़ 5 ग्राम
तुलसी पाचांग-5 ग्राम
चरायता चूर्ण 5 ग्राम
तिल काले 5ग्राम
अलसी 5 ग्राम
अजमायण-5 ग्राम
मलॅठी-5 ग्राम
सौंठ-10 ग्राम
काली मिर्च -5 ग्राम
10 और जड़ी बूटियों के साथ मिश्रण कर सभी चुर्ण को 50 ग्राम एलोवेरा रस में भावना दी जाती है।
सेवन विधि –चुर्ण बना कर दिन में 3 या 4 बार गर्म दूध से 1- 1 चमच्च सेवन करे।
सिद्ध नारी पीरियड कल्पचुर्ण के फायदे
★इसका कोई साइड इफेक्ट्स नही है★
★ 3 दिन में पीरियड आ जाता है
★अगर पीरियड बंद हो गए हो 21 दिन दवा ले।
★पीरियड जल्दी आएगा।
★पीरियड में दर्द नही होगा।
★कमजोरी और सुस्ती नही पड़ेगी।
★अगर गर्भ ठहर गया है तो पुरियड बिन दर्द के आएगा।
★पीरियड दौरान गुसा नही आएगा
★खून की कमी ठीक होगी।
सिद्ध नारी पीरियड कल्पचुर्ण
ऑनलाइन मंगवा सकते हैं। यह दवा कभी खराब नही होती आप कभी ले सकते है।
पीरियड्स जल्दी लाने के लिए साथ मे अयूर्वादिक सिद्ध गिलोय काढ़ा साथ जरूर इस्तेमाल करें।
सिद्ध गिलोय काढ़ा कैसे तैयार करे
गिलोय हरी 100 ग्राम
छोटी हरड़ 4 पीस
किसमिश 10 पीस
छुहारे 5 पीस
तुलसी पत्ते 50 पीस
पपीता पत्ता 1पीस
शहद 5 चम्मच
सभी सामग्री को तब तक उबाले जब तक आधा न रह जाए।
3 ग्लास बाकी बचा काढ़ा ठण्डा होने पर
1 ग्लास सुबह
1 दुपहरी
1 शाम को ले।
यह क्रिया 3 दिन लगातार करे। पीरियड 3 दिन पका आ जाएगा
मासिक धर्म के रुक जाने का कारण
मासिक धर्म के रुक जाने का कारण
शरीर में बहुत ज्यादा आलस्य, खून की कमी, मैथुन दोष, माहवारी के समय ठंडी चीजों का सेवन, ठंड लग जाना, पानी में देर तक भीगना, व्यर्थ में इधर-उधर भ्रमण करना, शोक, क्रोध, दुःख, मानसिक उद्वेग, तथा मा8सिक धर्म के समय खाने-पीने में असावधानी – इन सभी कारणों से मासिक धर्म रुक जाता है या समय से नहीं होता|
मासिक धर्म के रुक जाने की पहचान
*गर्भाशय के हिस्से में दर्द, भूख न लगना, वमन, कब्ज, स्तनों में दर्द, दूध कम निकलना, दिल धड़कना, सांस लेने में तकलीफ, कान में तरफ-तरह की आवाजें सुनाई पड़ना, नींद न आना, दस्त लगना, पेट में दर्द, शरीर में जगह-जगह सूजन, मानसिक तनाव, हाथ, पैर व कमर में दर्द, स्वरभंग, थकावट, शरीर में दर्द आदि मासिक धर्म रुकने के लक्षण हैं|*
हम आप की सेवा में है किसी भी शरीरक स्मयसा के लिए निशुल्क सिद्घ अयूर्वादिक सलाह ले
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